आशिषा सिंह राजपूत, नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) अभी से ही सक्रिय हो गई है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से आम आदमी पार्टी की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए मनीष सिसोदिया ने योगी सरकार के खिलाफ एलान-ए-जंग शुरू कर दी गई है।
योगी मॉडल बनाम केजरीवाल मॉडल
विधानसभा चुनाव में योगी सरकार और केजरीवाल सरकार द्वारा अपनी-अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए अभी से ही एक दूसरे पर आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत आम आदमी पार्टी के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने खुद लखनऊ पहुंचकर योगी सरकार व उनके मॉडल पर जमकर निशाना साधा। सिसोदिया ने लखनऊ पहुंचकर कहा कि उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह द्वारा शिक्षा, बिजली, पानी, रोजगार समेत अन्य बुनियादी मुद्दों पर बहस के लिए दी गई चुनौती का सामना करने के लिए वह लखनऊ आए हैं। सिद्धार्थनाथ सिंह ने अरविंद केजरीवाल के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की घोषणा को स्वप्न व हास्यपद कहते हुए केजरीवाल सरकार पर कई सवाल खड़े किए।
केजरीवाल मॉडल बनाम योगी मॉडल पर योगी जी के मंत्री जी द्वारा खुली बहस के आह्वान पर मै आज लखनऊ में रहूँगा. उम्मीद है बहस की चुनौती देने वाले मंत्री @SidharthNSingh योगी जी द्वारा कायाकल्प किए 10 स्कूलों की लिस्ट लेकर ज़रूर आएँगे जहां इंफ़्रास्ट्रक्चर, रिज़ल्ट आदि में सुधार हुए हों
— Manish Sisodia (@msisodia) December 22, 2020
उन्होंने कहा कि जो दिल्ली में अपनी सत्ता सरकार सुचारू रूप से नहीं चला सकते व उत्तर प्रदेश में सरकार चलाने के कैसे सपने देख सकती है। बात को आगे बढ़ाते हुए सिद्धार्थनाथ ने दिल्ली सरकार को दिल्ली के विकास मॉडल और यूपी के विकास मॉडल पर खुली बहस की चुनौती भी दे दी। जिस बात का उत्तर लेकर मॉडल पर बहस की मंशा से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया लखनऊ पहुंचकर योगी सरकार खुली चुनौती दे रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने क्या कहा
लखनऊ पहुंचते ही मनीष सिसोदिया ने योगी सरकार पर जमकर तंज कसे। सिसोदिया ने कहा कि योगी सरकार ने लोगों के सपने व अपने वायदे दोनों ही तोड़े हैं। यूपी में 4 साल में योगी सरकार ने आखिर क्या किया है? इस सवाल पर भी प्रश्न उठाते हुए सिसोदिया ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में भी अंतर करते हुए अपनी बात कही। उन्होंने बताया कि 5 साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर हो गई है जबकि उत्तर प्रदेश में अभी भी सरकारी स्कूलों की स्थिति बदतर है।
बात सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर कि नहीं बल्कि शिक्षा की भी है दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे 98% अंक पा रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के नतीजे 70 से 75% में ही सिमट कर रह जा रहे हैं। दिल्ली के निजी स्कूलों की फीस दिल्ली सरकार ने नहीं बढ़ने दी, वहीं उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस बढ़ती जा रही है। मनीष सिसोदिया ने बिजली और पानी पर भी दिल्ली सरकार और योगी सरकार के कार्यों की तुलना की।