आशिषा सिंह राजपूत, नई दिल्ली
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार में आते ही पूर्ण रूप से कार्यशील और सक्रिय हो गए हैं। नई सरकार में नए कदम रखते हुए नए फैसले भी लेने आरंभ हो गए हैं। जिसमें एक महत्वपूर्ण फैसला जनहित को मद्देनजर रखते हुए बालू माफियाओं पर शिकंजा कस दिया गया है। इस अहम फैसले में बिहार सरकार ने 14 और उससे अधिक चक्के वाले वाहनों से बालू की ढुलायी पर रोकथाम लगा दी गई है। डेहरी अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह बताया कि सरकार द्वारा बनाए गए इस नियम का पालन ना करने पर या ऐसे कोई वाहन जो इस फैसले का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाते हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे जो भी वाहन पकड़े जाएंगे उस वाहन पर जिस भी घाट का बालू लोड होगा उस घाट के संचालक पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बालू घाट, सरकार के फैसले और बालू माफिया
बिहार राज्य के अनुपालन रोहतास, औरंगाबाद व भोजपुर तीन जिलों में सर्वाधिक बालू घाट स्थित है। इस फैसले का किस प्रकार पालन होता है, यह बात पूर्ण रूप से इन तीनों जिलों के प्रशासन पर निर्भर करती है। यदि प्रशासन राज्य सीमाओं के साथ-साथ राज्य के भीतर भी कड़ाई से इस फैसले का पालन करते हुए कार्यरत रही तो बालू से ओवरलोड हुए वाहन सड़कों पर ना दिखाई दे। वहीं अवैध रूप से रातों-रात बालू से भरे वाहनों का अलग-अलग मंडियों पर पहुंचाने वाले बालू माफियाओं के लखपति बनने पर भी रोक लगेगी।
फैसले के फायदे
बिहार की अच्छी सड़कों को भारी भरकम बालूओ से लदे वाहनों की क्षति से बचाया जा सकेगा। हालांकि इस फैसले से आम जनता में तो खुशी की लहर दौड़ गई है, इस फैसले का नियमानुसार पालन करने से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और सबल विकास भी होगा। लेकिन वही बालू माफियाओं में फैसले को लेकर अफरा-तफरी मच गई है।
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