आशिषा सिंह राजपूत, नई दिल्ली
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को रिपब्लिक टीवी और उनके हिंदी चैनल की टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (TRP) के फर्जीवाड़े का आए दिन नया खुलासा हो रहा है। टीआरपी में हेरा फेरी के मामले के साथ-साथ उन BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को रिश्वत देने का भी मामला सामने आया है। निश्चित रूप से अर्नब गोस्वामी की परेशानी बढ़ सकती है वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि इस गंभीर आरोप से उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।
जानकारी
• फर्जीवाड़े पर रिश्वतखोरी के मामले में अर्नब गोस्वामी की कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी
• BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दास गुप्ता को रिश्वत देने का लगा लिखित आरोप
• अर्नब गोस्वामी ने किया पार्थदास गुप्ता को लाखों का भुगतान
फर्जीवाड़े और रिश्वतखोरी का पूरा मामला
अर्नब गोस्वामी का रिपब्लिक टीवी और उनके हिंदी समाचार चैनल की टीआरपी का हेरफेर व फर्जीवाड़े से मैनिपुलेट का गंभीर आरोप लगाया गया था। वहीं इस केस में इन्वेस्टिगेशन कर रही क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) ने एक बड़ी बात का खुलासा करते हुए या कहा है कि अर्नब गोस्वामी ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व CEO पार्थ दासगुप्ता को वक्त- वक्त पर लाखों रुपये रिश्वत के तौर पर दिए हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच ने पार्थ दासगुप्ता को फर्जी टीआरपी केस का मास्टरमाइंड भी बताया है। दासगुप्ता BARC में साल 2013 से 2019 तक CEO के पद पर रहे। बता दें कि यह मामला बेहद गंभीर हो गया है और अब तक इस मामले में 15 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इन आरोपियों की मदद से साजिशन टाइम्स नाउ को नंबर 1 से नंबर 2 किया और रिपब्लिक टीवी को अवैध तरीके से नंबर वन बनाया गया।
CIU की जांच में BARC केसियो की रिश्वतखोरी का मामला सामने आते ही CIU ने कोर्ट से पार्थ दासगुप्ता की कस्टडी बढ़ाने की मांग की। वहीं कोर्ट ने 30 दिसंबर तक दासगुप्ता को CIU की कस्टडी में भेज दिया। CIU ने कोर्ट को यह भी बताया कि उसने दासगुप्ता के पास से दो मोबाइल फोन, एक लैपटॉप व आईपैड भी जब्त किया है। और यह भी बताया कि खोजबीन के दौरान पार्थ दासगुप्ता के घर से रिश्वत में मिले लाखों रुपए से मूल्यवान वस्तुएं, महंगे गहने खरीदे और एक लाख रुपये कीमत की हाथ की घड़ी व सिल्वर कलर की धातु के तीन किलो 300 ग्राम गहने मिले हैं।