आशिषा सिंह राजपूत, नई दिल्ली
यूं तो भारत की राजनीति में एक से बढ़कर एक नाम हैं। किसी का सामाजिक कार्यों में, तो किसी ने सरकार में रहकर उत्कृष्ट कार्य किए हैं। लेकिन भारत की राजनीति में एक ऐसा नाम है जिसने सामाजिक, राजनीतिक, साहित्य में तो बड़े-बड़े कीर्तिमान रचे ही हैं। साथ ही साथ लोगों के दिल में भी एक अलग स्थान अर्जित किया है और यह उपयुक्त बातें किसी और के बारे में नहीं बल्कि भारत के प्रसिद्ध व लोकप्रिय भारत रत्न व देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की हो रही है।
श्री अटल बिहारी बाजपेई वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक विनम्र स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ था। वाजपेई जी की विनम्रता और राजनीतिक नीतियों ने भारत के लोकतंत्र को एक नया आयाम दिया।
अटल बिहारी वाजपेई की कृतियां
अटल बिहारी वाजपेई की तमाम खूबियों में से उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए भी लोग उन्हें जानते और मानते हैं। 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रमुख के तौर पर भारत के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हुए थे। वाजपेई जी पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार दो बार प्रधानमंत्री पद को ग्रहण किया है। वह लोकसभा में नौ बार और राज्य सभा में दो बार चुने गए, जो अपने आप में ही बहुत बड़ी उपलब्धि है। श्री वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे।
आजादी के बाद अटल बिहारी बाजपेई ने भारत की राजनीति में एक सक्रिय भूमिका निभाते हुए भारतीय व विदेश नीतियों में अपनी सूझबूझ से देश को एक नया आकार दिया। उनकी सदैव दूरदर्शी सोच रही है जिससे उन्होंने भारत की क्षणिक फायदे का नहीं बल्कि भविष्य की चुनौतियों और उपलब्धता को मद्देनजर रखकर हर फैसले किए। श्री अटल बिहारी बाजपेई को पचास से अधिक वर्षों तक देश और समाज की सेवा करने के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया है। अटलजी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, सशक्त वक्ता, खूबसूरत और प्रेरणादायक कविताओं का संग्रह रखने वाले कवि व साहित्यकार, ज्ञानी पत्रकार जैसी अनेकों प्रतिभाओं के धनी थे।
किस प्रकार मनाई जाएगी अटल जी की जयंती
लोकप्रिय एवं पूर्ण रूप से कौशल अटल जी की जयंती भी अनोखे तरह से मनाई जाएगी। भाजपाइयों में अटल जी की जयंती को लेकर खूब उत्साह है। झारखंड प्रदेश भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को बूथ स्तर पर मनाने जा रही है। इस शुभ अवसर पर अटल जी को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उनके स्वर्णिम व्यक्तित्व पर चर्चा भी होगी। इस शुभ अवसर पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के 9 करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ राशि का हस्तांतरण डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह सिंह तोमर के पत्र का वितरण एवं वाचन किया जाएगा। वहीं साथ ही साथ मंडलों में एलईडी स्क्रीन पर किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को संबोधित करेंगे।
श्री अटल बिहारी बाजपेई द्वारा रचित प्रेरणादायक काव्य
बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरें प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ,
निज हाथों में हँसते-हँसते,
आग लगाकर जलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में,
अगर असंख्यक बलिदानों में,
उद्यानों में, वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीड़ाओं में पलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा।
उजियारे में, अंधकार में,
कल कहार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में,
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को ढलना होगा।
क़दम मिलाकर चलना होगा