खुशी बाली, नई दिल्ली
गांधी परिवार पर एक के बाद एक नई मुश्किलें आती ही जा रही है। पहले कांग्रेस के 136th फाउंडेशन डे पर ना शामिल होने के लिए राहुल गांधी तथा सोनिया गांधी सुर्खियों में थे। अब सोनिया गांधी के दामाद किसी नई मुश्किल में फंस गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को सोमवार को आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति कानून के तहत जाँच पड़ताल करने के लिए उनसे पूछताछ की थी । सूत्रों के द्वारा पता चला कि 2015 में ईडी ने राजस्थान के बीकानेर में वाड्रा से संबंधित एक कंपनी से कुछ भुखंड खरीदने के सिलसिले मे धनशोधन का मामला दर्ज किया था। इस संदर्भ मे जाँच पड़ताल के बाद वाड्रा की कम्पनी ‘स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ की 4.62 करोड़ रुपये की संपत्ति 2019 में जब्त की थी ।
क्या है पूरा मामला
आज फिर आयकर विभाग के अफसर बेनामी संपत्ति केस में रॉबर्ट वाड्रा के दफ्तर पर पहुंचें थे। सूत्रों से उनके आरोप का पता चला कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने कम दाम में बीकानेर में ज़मीन खरीदकर उसे आगे अधिक दाम में बेचा और मुनाफा कमाया । यही नहीं इन पर कई और आरोप भी लगे है – लंदन में संपत्ति की खरीद के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप , ‘ ब्रायनस्टन स्क्वायर’ में 1.9 मिलियन पाउंड की कीमत का मकान खरीदने का आरोप भी इनपर लगा है।
सूत्रों से यह पता चला है कि अभी तक की पूछताछ में उनके कुछ कागजातों पर सवाल हुए है।वह कागज पहले आइरी के सामने पेश नहीं कर पाए थे। इस कारण उनसे फिरसे इस संदर्भ में बातचीत हो सकती है।
वाड्रा का क्या कहना है?
इस सब के चलते वाड्रा का यह कहना है कि यह पूछताछ, जाँच पड़ताल किसानों के आंदोलन के मुद्दे से ध्यान भटकाने के मकसद से करी जा रही हैं। जब वाड्रा को आयकर विभाग में पूछताछ के लिए शामिल करने को बोला गया तब उन्होंने कोविड-19 से संबंधित दिशानिर्देशों का हवाला दिया