आशिषा सिंह राजपूत, नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। टीएमसी (TMC) और बीजेपी (BJP) ने कमर कस ली है। इसी सिलसिले में आए दिन बीजेपी और टीएमसी का आरोप-प्रत्यारोप जोरों शोरों से चल रहा है। बीजेपी पूर्ण रूप से ममता बनर्जी की सरकार पर हमला बोल रही है। इसी बीच रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा करते हुए अपने टि्वटर हैंडल पर एक बड़ा बयान देते हुए कहा “मीडिया ने बीजेपी को लेकर जरूरत से ज्यादा ही प्रचार प्रसार किया हुआ है। लेकिन वास्तविकता यह है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी को दहाई के आंकड़ा पार करने में ही संघर्ष करना पड़ेगा।”
बता दें कि प्रशांत, ममता के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी के साथ सक्रिय रूप से मिलकर काम कर रहे हैं। हालांकि टीएमसी के पुराने नेताओं को प्रशांत किशोर की नीतियां रास नहीं आ रही। जबकि प्रशांत किशोर अपने बयानों और नीतियों को लेकर अभी भी कायम हैं। वहीं ममता बनर्जी प्रशांत किशोर की बयानबाजी और उनकी नीतियों को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं।
For all the hype AMPLIFIED by a section of supportive media, in reality BJP will struggle to CROSS DOUBLE DIGITS in #WestBengal
PS: Please save this tweet and if BJP does any better I must quit this space!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 21, 2020
जबकि प्रशांत किशोर रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर बीजेपी का प्रदर्शन इससे बेहतर रहता है तो वह इस जगह को छोड़ देंगे। साथ ही साथ उन्होंने अपने ट्वीट को सेव करने की अपील भी की। प्रशांत किशोर के किए गए दावे की पश्चिम बंगाल में बीजेपी को दहाई का आंकड़ा पार करने में ही संघर्ष करना पड़ेगा। पर बीजेपी के कई नेताओं ने प्रशांत किशोर के बयानों का पलटवार करना आरंभ कर दिया है। बीजेपी महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘पश्चिम बंगाल में बीजेपी की जो सुनामी चल रही हैं, सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।’
भले ही बंगाल में चुनाव अगले साल होने हैं लेकिन बयानबाजीयों की सियासत सर्द में भी गर्म है।