जम्मू-कश्मीर के चार नेता गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नादिर अहमद का राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा संबोधन में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट पर भावुक हो गए। जानिए राज्यसभा में क्या कहा गुलाम नबी आजाद के कार्यों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने :-
*प्रधानमंत्री मोदी के छलके आंसू*
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का संसद में कार्यकाल पूरा होने के मौके पर विदाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा संबोधन में गुलाम नबी आजाद प्रशंसा की। तारीफ करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि “एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें 8 लोग मारे गए थे। उस दौरान मैं राज्य का मुख्यमंत्री था। इस आतंकी घटना के बाद सर्वप्रथम गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया। उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। गुलाम नबी जी लगातार इस घटना की निगरानी कर रहे थे। वे उन्हें लेकर इस तरह से चिंतित थे। जैसे वे उनके परिवार के सदस्य हों।” प्रधानमंत्री मोदी इस घटना का जिक्र करते हुए काफी भावुक हो गए और आगे उन्होंने कहा कि “मैं श्री आजाद के प्रयासों और श्री प्रणब मुखर्जी के प्रयासों को कभी नहीं भूलूंगा। उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। वहीं गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे।” इस पूरी घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री बीच-बीच में भावुक होकर कई बार चुप हो गए। अपने आंसुओं को पूछते हुए प्रधानमंत्री ने पानी पीकर सॉरी कहते हुए आगे का संबोधन जारी किया।
*प्रधानमंत्री ने गुलाम नबी के योगदान का किया जिक्र*
मंगलवार को सदन में प्रधानमंत्री मोदी ने गुलाम नबी आजाद के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘पद आते हैं, उच्च पद आते हैं, सत्ता आती है और इन्हें किस तरह से संभालना है, यह गुलाम नबी आजाद जी से सीखना चाहिए।’ प्रधानमंत्री मोदी ने गुलाम नबी आजाद को अपना सच्चा मित्र कहते हुए कहा कि ‘उनके एक जुनून के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं, वो बागवानी है। वो यहां के घर में बगीचे को संभालते हैं, जो कश्मीर की याद दिलाता है।’ गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि ‘श्री गुलाम नबी आजाद ने सांसद और विपक्ष के नेता के रूप में बहुत उच्च मानक स्थापित किए हैं। उनका काम सांसदों की आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। मैं अपने अनुभवों और स्थितियों के आधार पर गुलाम नबी आजाद जी का सम्मान करता हूं।’