खुशी बाली, नई दिल्ली
26 जनवरी 2021, गणतंत्र दिवस का दिन, जब हम सब त्योहार मना रहे थे तब भारत की राजधानी में कुछ अजीब माहोल था। यूं तो हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में जमकर जश्न मनाया जाता है। पर इस बार किसान मोर्चे के चलते कुछ ऐसा हुआ जो किसी ने सोचा ना था। आज जो हुआ उसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर एक बड़ी बात कही है।
दिल्ली में मचा हड़कंप
पिछले 2 महीनों से किसान आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा था। आज यानी 26 जनवरी के दिन किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने का ठाना था। परंतु ना जाने कैसे यह रैली हिंसक हो गई। दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजपथ पर आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड संपन्न होने के बाद ही चयनित मार्गों पर अपने ट्रैक्टर परेड आयोजित करने की अनुमति दी थी। परन्तु प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़ गए। इतना ही नहीं पर किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया। वह शहर के बीचोंबीच प्रतिष्ठित लाल किले और आईटीओ में घुस गए। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए लाठीचार्ज किया तथा आंसू गैस के गोले फेंके।
If you don’t learn your lessons from history, it repeats itself … History tells us “No Government has ever won against the Farmers.“
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) January 26, 2021
नवजोत सिंह सिद्धू की टिप्पणी
अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर टिप्पणी दी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस हिंसा को अस्वीकार्य करार दिया है। वहीं दूसरी तरफ पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन के उलट अपना अलग बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि आप इतिहास से अपने सबक नहीं सीखते हैं, तो यह खुद को दोहराता है … इतिहास हमें बताता है किसानों के खिलाफ कोई सरकार कभी नहीं जीती है।
क्या आप नवजोत सिंह सिद्धू के इस टिप्पणी से सहमत हैं? क्या अपनी ताकत साबित करने के लिए अब किसानों को हिंसा का मार्ग चुनना पड़ेगा? हमारे देश के किसान जो हमेशा सबकी मदद करके आए हैं आखिर उन्होंने यह हिंसा वादक मार्ग क्यों चुना?