आशिषा सिंह राजपूत, नई दिल्ली
वायु प्रदूषण की बात की जाए तो यह जितनी जटिल समस्या है, उतनी हानिकारक भी। वहीं देश में यदि सबसे ज्यादा कहीं प्रदूषण की बात की जाए तो सर्वप्रथम दिल्ली का प्रदूषण सबके मन में आता है। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का दर प्रत्येक वर्ष सबसे अधिक होता है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण और आसपास के इलाकों में दूषित हवा के लिए जिम्मेदार पंजाब हरियाणा के किसानों द्वारा खेतों में जलाई जाने वाली पराली को ठहराया जाता है। पराली के जलने से उससे निकलने वाली हानिकारक और दूषित हवा को दिल्ली के प्रदूषण का मूल्य कारण माना जाता है। लेकिन बीते कुछ समय से लखनऊ देश में सबसे प्रदूषित शहरों, एक्यूआई में टॉप पर है।
लखनऊ में लगातार बढ़ रहा (एक्यूआई)
राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण की स्थिति बेकाबू होती जा रही है। लखनऊ शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) हाल ही में 391 दर्ज किया गया है। लखनऊ के कुछ क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया तालकटोरा व लालबाग में प्रदूषण की हवा विषैली होती जा रही है, जिसमें सांस लेने से लोगों का दम घुट रहा है। राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण की स्थिति आए दिन खराब होती जा रही है। पूरे शहर की हवा तो प्रदूषित हो ही चुकी है। लेकिन यदि इंडस्ट्रियल एरिया, तालकटोरा और लालबाग के प्रदूषण के मापदंडों की बात की जाए तो इन क्षेत्रों में प्रदूषण का हाल और भी बुरा हो चुका है। हाल ही में तालकटोरा का एक्यूआई 425 और लालबाग क्षेत्र का एक्यूआई 420 दर्ज किया गया है। लखनऊ शहर में बढ़ते हुए स्मॉग को देखकर भयंकर वायु प्रदूषण का अंदाजा लगाया जा सकता है।
लखनऊ वायु प्रदूषण की क्या है वजह?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रिकॉर्ड के मुताबिक लखनऊ का वायु प्रदूषण नोएडा, दिल्ली से भी अधिक है। इस रिपोर्ट की मानें तो यह अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिर लखनऊ में प्रदूषण की वजह क्या है? लखनऊ शहर के वायु में धूल व धुएं के साथ घनी स्मॉग की लेयर से प्रदूषण बना हुआ है। इंडस्ट्रियल एरिया से निकलती हानिकारक गैस, निर्माण साइट व औद्योगिक क्षेत्रों से होने वाले अंधाधुन काम से हवा के लगातार बहुत खराब बने रहने से राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण की स्थिति बन गई है।