आशिषा सिंह राजपूत, नई दिल्ली
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से ना सिर्फ स्वास्थ्य हानि हो रही अपितु वित्तीय रूप से भी भारत को बहुत से नुकसान उठाने पड़ रहे हैं। जिसमें भारतीय रेलवे यातायात पर एक भारी असर पड़ा है। भारतीय रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि भारतीय रेलवे लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे संचालित होना शुरू हो गया है। इन दिनों रेलवे 1,089 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन कर रहा है, जबकि कोरोना वायरस की महामारी के पहले भारतीय रेलवे की ओर से 1,768 ट्रेनों का संचालन हो रहा था। हालांकि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष व सीईओ वीके यादव बातचीत में कोरोना वायरस की महामारी से रेल सेवाओं में उथल-पुथल का भी जिक्र करते हुए कहा कि अभी सामान्य ट्रेन सेवाओं को फिर से संचालित करने में अभी वक्त लगेगा।
वैश्विक महामारी के चलते भारत में लॉकडाउन लगाए जाने से यातायात पर रोकथाम लगाई गई और रेल सेवाओं को भी रोक दिया गया था जिससे कि बीते साल की तुलना में इस साल अभी तक यात्री श्रेणी की आय में
87 फीसद की सीधे-सीधे कमी आई है। वही वी.के यादव ने कहा कि रेलवे 264 कोलकाता मेट्रो ट्रेनों और
3,936 उपनगरीय सेवाओं का संचालन कर रहा है। उन्होंने साथ ही साथ कहा कि लोकल ट्रेनों या छोटी रूट की ट्रेनें सभी जोन के महाप्रबंधक को उनकी अपनी-अपनी राज्य सरकार से बात करने के लिए कहा गया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर और ट्रेनों का संचालन किया जा सके।
कोरोना वायरस की भारी आपदा का जिक्र करते हुए सीईओ और चेयरमैन वी.के यादव ने भारतीय रेलवे के आर्थिक नुकसान पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले साल जहां रेलवे को 53 हजार करोड़ की कमाई हुई थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 4600
करोड़ पर आ गया। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के यादव ने विशेष रुप से बताया कि महामारी में ट्रेनों की बढ़ती वेटिंग लिस्ट एवं अधिक मांग के कारण 20 विशेष क्लोन ट्रेनों का संचालन किया गया, जिसकी सेवाएं अभी भी जारी हैं।
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