आदित्य मिश्र, नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को अंतरिम जमानत दे दी. हिंदू देवी देवताओं पर टिप्पणी और अपमान के मामले में वह 1 जनवरी से जेल में थे. इस पूरे प्रकरण में धार्मिक भावनाओं के शामिल होने से मामला और तूल पकड़ रहा था. जमानत के लिए लगातार असफल प्रयास के बाद शुक्रवार को उनकी बात सुनी गई.
19 अप्रैल को भी हुआ एफआईआर
मुनव्वर फारुकी पर इसके पहले भी विवादित टिप्पणी का आरोप लगा है. 19 अप्रैल 2020 को उनके खिलाफ कई मामलों में एफआईआर किया गया. जिसमें धार्मिक भावनाओं को भड़काने से लेकर हिंदुओं पर तीखा मजाक शामिल है. साथ ही गोधरा कांड पर भी कॉमेडी करना उन्हें भारी पड़ गया.
जमानत न देने पर उठे थे सवाल
इसके पहले मुनव्वर फारुकी के द्वारा जमानत की अर्जी को अदालत ने खारिज किया था. जिस पर लगातार सवाल खड़े किये जा रहे थे. लोगों ने इसे अर्णब गोस्वामी की जमानत से जोड़कर राजनीतिक रंग भी देना शुरू कर दिया था. उनकी बेल अर्जी को इसके पहले सेशन कोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के द्वारा खारिज कर दिया गया था.
समर्थन में आगे आये कई बड़े चेहरे
हंसी मजाक पर एफआईआर होना और जेल चले जाना कोई नई बात नहीं है. इसके पहले भी कपिल शर्मा शो के कलाकार कीकू शारदा भी जेल जा चुके हैं. उन पर डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम का मजाक उड़ाने का आरोप लगा था.
इस नये मामले ने कॉमेडी जगत से लेकर राजनीति तक हलचल मचा दी. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इसे गलत बताया. लेखक वरूण ग्रोवर ने भी मुनव्वर फारुकी को अपना समर्थन दिया.