खुशी बाली, नई दिल्ली
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि नया साल शुरू होते ही कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है। आम जनता जहां इससे अन्य प्रकार की उम्मीदें लगा कर बैठी है वहीं पर कुछ लोग इसे सियासी मुद्दा बनाने पर तुले हैं। जी, हां! जहां एक समय पर सब देशों के वासी कोरोना की वैक्सीन का इंतजार कर रहे थे परंतु अब जब भारत में ऐसा संभव हो पा रहा है, तब कुछ लोग इस बात को भी अलग ही रूप देकर बैठे हैं।
कौन है वह लोग और उनका क्या कहना है?
आप लोगों को यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि कोरोना की वैक्सीन को सियासी मुद्दा बनाने वाले और कोई नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह बीजेपी की वैक्सीन पर विश्वास नहीं कर सकते। उन्होंने यह भी कहा कि जब उनकी सरकार बनेगी तब वह सबको कोरोना की वैक्सीन फ्री में देंगे। उनके इस बयान से उन्हें काफी लोगों ने ट्रोल किया है तथा कुछ लोगों ने उनके इस बयान को बेहद बेकार बताया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के चुनाव 2022 में होने हैं तब तक कोई भी कोरोना की वैक्सीन के लिए कैसे तैयार कर सकता है? अखिलेश यादव के इस बयान से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने बस इस बात का बतंगड़ बनाने के लिए यह सब कहा है। कई लोगों का तो यह भी कहना है कि वैक्सीन भाजपा की सरकार ने नहीं बल्कि हमारे देश के साइंटिस्ट ने बनाई है और अखिलेश यादव का बयान एक तरह से हमारे देश की साइंटिस्ट की निंदा कर रहा है।
वैक्सीन को लेकर सरकार की तैयारी
2021 शुरू होते ही हमारे देश में कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है। लोगों को इस वैक्सीन से काफी आशाएं हैं। भारत की सरकार की तरफ से एक ऑफिशल स्टेटमेंट जारी की गई है जिससे पता चला है कि कोरोना वरियर्स तथा फ्रंटलाइन वर्कर को कोरोना की वैक्सीन फ्री में लगाई जाएगी। लोगों को यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि भारत इकलौता ऐसा देश है जहां पर चार अलग-अलग वैक्सीन पर काम चल रहा है।